प्रेरणादायक कहानियां
इतना कहकर भाग्य वहां से अदृश्य हो गया | जुलाहा शहर आकर धन-जोडू का पता पूछता-पूछता एक जगह आया | राह चलने वाले एक आदमी से जब उसने पूछा – ” भाई ! यहां पर कोई धन-जोडू रहता है |” इस पर राहगीर बोला – ” तुम परदेसी मालूम होते हो | सुबह-सुबह उस मनहूस का नाम सुन लिया | ईश्वर जाने आज भाग्य में रोटी भी लिखी है, या नहीं |”